2.) Sad Shayari
किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है, किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया, तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया !!
3.) मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है, इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।
4.) दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है !!
5.) वो रो रो कर कहती रही, मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है की अगर इतनी नफरत ही थी तो, वो रोई क्यों….?
6.) मैं क्या जानूँ दर्द की कीमत ? मेरे अपने मुझे मुफ्त में देते हैं !
7.) लोग कहते हैं दुःख बुरा होता है, जब भी आता है रुलाता है। मगर हम कहते हैं दुःख अच्छा होता है, जब भी आता है कुछ सिखाता है।
8.) इतना याद न आया करो, कि रात भर सो न सकें। सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग।
9.) मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां, मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं !!!
10.) तू मेरी चाहत का एक लफ्ज भी ना पढ़ सका, और मैं तेरे दिये हुए दर्द की किताब पढ़ते पढ़ते ही सोती हूँ।
11.) लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे...!! मोत अछी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं...!!
12.) हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई ...!!!
13.) क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे...!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है....!!
14.) हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी, पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है |
15.) कोन कहता हे मुसाफिर जख्मी नही होते , रस्ते गवाह हे कम्बख्त गवाही नही देते ..!!
16.) इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत, आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही निकला !!
17.) टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया | वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे ||
18.) मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की, कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता...!!
19.) जख्म बन जाने की आदत है उन्हें रुला कर मुस्कुराने की आदत है उन्हें ; मिलेंगे कभी तो खूब रुलाएंगे सुना हैं रोते हुए लिपट जाने की आदत है उन्हें ।
20.) तेरे शहर के कारीगर बङे अजीब हैं ए दिल,, काँच की मरम्मत करते हैं पत्थर के औजारों से …!!
21.) रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की ,, ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !!
22.) दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर...,, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी !!
23.) मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!
24.) क्यों घबराता है पगले दुःख होने से जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ है रोने से....!!
25.) क्यों सताते हो मुझे यूँ दुरियाँ बढ़ाकर, क्या तुम्हे मालूम नहीं अधूरी हो जाती है तुझ बिन जिन्दगी .
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